दिल की आवाज़... - फरहा दीबा (Hindi Article)
Hindi Blogger
मई 20, 2021
0
सुबह होती है शाम होती है। ऊम्र यूँ ही तमाम होती है। आस क्या अब उम्मीद-ए-नाउम्मीद भी नहीं। कौन दे मुझ को तस्सली कौन बहलाए मुझे। मुंशी अमी...
Join Lekhak Ki Lekhni for latest update
Join Telegram Channelलेखक की लेखनी एक पूर्णतः हिन्दी पेज है जहॉ पर आप विभिन्न लेखकों के लेख, आर्टिकल, कहानिया, शायरी, जीवनी पढ़ सकते हैं। यदि आप को हमारे आर्टिकल, कहानिया, शायरी, जीवनी अच्छे लगते हैं तो आप इसे लाईक और शेयर जरूर करें इससे हमारी वेब टीम और हमारे लेखकों का मनोबल.
Read More