दोस्तों महाभारत में स्पेशल इफेक्ट्स के लिए कुछ जगह मैकेनिकल तो कुछ जगह टेक्निकल तरीकों का इस्तेमाल हुआ था। दोस्तों मैकेनिकल वो है जिसमे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किये बिना इफेक्ट्स दिखाए जाएँ और टेक्निकल वो जिसमे क्रोमा की जैसे इफेक्ट्स का इस्तेमाल कर इफेक्ट्स दिखाए जाएँ। मैकेनिकल और टेक्निकल में क्या अंतर है ये आपको वीडियो में समझ आ जायेगा। दोस्तों टेक्निकल इफेक्ट्स से शुरू करें तो इसमें क्रोमा की का इस्तेमाल होता है। क्रोमा की इफ़ेक्ट में आजकल ग्रीन स्क्रीन का इस्तेमाल होता है जो की आजकल आम बात है। जैसे जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ी सबके लिए क्रोमा की आसान हो गया। ग्रीन स्क्रीन इफ़ेक्ट अब कोई भी इस्तेमाल कर लेता है। किन्तु जिस समय रामायण और महाभारत की शूटिंग होती थी उस समय टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी और महंगी भी बहुत थी। उस समय betacam मशीन का इस्तेमाल होता था जो एक सलेक्टेड कलर को वीडियो से हटा देता था। उस समय ग्रीन कलर का इस्तेमाल न करके ब्लू कलर का इस्तेमाल होता था। लेकिन उसमे बड़ा खर्चा और ऊपर से बड़ा टीमवर्क। चलिए शुरू करते है एक दृश्य के साथ।
महाभारत का एक दृश्य है जब दुर्योधन सम्राट युधिस्ठिर के राजमहल इंद्रप्रस्थ जाता है तो उसे वहां मायावी महल दिखता है। उस मायावी महल में वो अदृश्य दीवारों से टकरा जाता है। यहाँ पर जिस अदृश्य दीवार से दुर्योधन टकराता है वहां क्रोमा की का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद एक दृस्य में दुर्योधन अदृश्य पानी में गिर जाता है। इस जगह पर क्रोमा की का इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसमें मैकेनिकल इफ्फेक्ट का इस्तेमाल हुआ था। इस जगह पर वास्तव में पानी था लेकिन उसपर कारपेट दिखाने के लिए थर्माकोल के पाउडर और लकड़ी के पार्टीशन का इस्तेमाल हुआ था। यहाँ एक पूल बनाया गया था। इसको तैयार करने में दो दिन लगे थे और शूटिंग में चार कैमरा के साथ एक ही शॉट लिया गया था क्यूंकि रिटेक लेने में सब दुबारा से तैयार करना पड़ता जिसमे बहुत समय लगता।
इसके बाद द्रौपदी के चीरहरण का एक दृश्य है। इस में द्रौपदी यानि रूपा गांगुली जी ने 5 मीटर की साड़ी पहनी थी। जबकि जिस साड़ी को खींचना था वो 250 mtr की एक साड़ी तैयार की गयी थी। इसे गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज भी कराया गया था। शूटिंग के दौरान एक कैमरा में साड़ी और एक कैमरा में करैक्टर रखा गया। इस प्रकार से दो कैमरे का इस्तेमाल कर इस दृश्य को तैयार किया गया था।
इसके बाद महाभारत युद्ध के पहले जब श्री कृष्ण ने विराट रूप दिखाया था। उस दृश्य में क्रोमा की का इस्तेमाल किया गया था। इस दृश्य में श्री कृष्ण को अर्जुन से कद में बड़ा दिखाना था। श्री कृष्ण के पीछे अलग अलग चेहरे दिखाने थे। साथ ही साथ एक मुख में प्राणियों का जाना फिर दूसरे मुख से प्राणियों का वापस आना। प्रकाश , जल, अग्नि इफ़ेक्ट में बहुत सावधानी से काम किया गया था। यहाँ भी दो कैमरे का इस्तेमाल कर दो दृश्यों को एक साथ जोड़ा गया था। एक दृश्य में रथ पर अकेले अर्जुन थे तो वहीँ दूसरे दृश्य में श्री कृष्ण थे जिन्हे बड़ा करके दिखाया गया था।
इसके बाद एक दृश्य है जिसमे भीष्म पितामह को बाण लगते हैं और वो बानो की सय्या पर लेट जाते हैं। इस दृश्य में मैकेनिकल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया था। तीर लगते समय भीष्म पितामह का किरदार निभाने वाले अभिनेता मुकेश खन्ना जी को आते हुए तीर को अपने हाथों से पकड़ना था। ये तीर पतले तार से खींचे जाते थे और तेजी से हाथ से पकड़ने होते थे। इसके बाद जब तीर शरीर के आर पार दिखाए गए हैं। तब हाथो पैरों में कपडे के अंदर लोहे की प्लेटों का इस्तेमाल किया गया था। जिसमे एक प्लेट में तीर का आधा हिस्सा और दूसरी प्लेट में तीर का आधा हिस्सा। इसी तकनीक का इस्तेमाल बानो की सय्या में भी किया गया था। सरीर के नीचे एक लोहे की प्लेट और लोहे की प्लेट पर तीर के आधे हिस्से। तीर के बाकी हिस्से ऊपर की तरफ। जिसे देख कर लगता है की तीर आर पार हो गए हों।
दोस्तों इसी प्रकार से महाभारत में इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया था और बहुत मेहनत के बाद ये दृश्य तैयार हुए थे। इसी मेहनत का नतीजा आपके सामने है। महाभारत तब भी सुपरहिट हुई थी और आज भी है। दोस्तों अगर आपको टेक वीडियोस पसंद हैं या आप यूट्यूब चैनल बनाना चाहते हैं तो डिस्क्रिप्शन में हमारे दूसरे चैनल का लिंक दिया हुआ है। आप उसे भी सब्सक्राइब कर लें।
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