आज हम बात करेंगे 1987 के धारावाहिक रामायण के गायकों की जिन्होंने रामायण के भजनो को आवाज देकर उन्हें दिल में बसा दिया। रामायण की सफलता के पीछे उसके संगीत का भी योगदान था। इस को सफल बनाया स्वर्गीय श्री रविंद्र जैन जी के संगीत ने। जिसका शायद आजकल कोई जिक्र नहीं कर रहा। तो चलिए एक एक करके जानते हैं रामायण के गायकों के बारे में।
सबसे पहले बात करते हैं शीर्षक गीत की। रामायण का शीर्षक गीत सीता राम चरित अति पावन रचना की या थी स्वर्गीय श्री जयदेव जी ने। संगीत डिपार्टमेंट का जिम्मा भी इनके पास ही था। किन्तु अकस्मात निधन हो जाने के कारण ये कार्य स्वर्गीय श्री रविंद्र जैन जी को दिया गया।
रविंद्र जैन जी ने रामायण के गीतों को अमर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रामायण में अधिकतर भजन और दोहे इनके द्वारा ही गाये गए हैं जैसे राम कहानी, राम दरबार आदि।
अब बात करते हैं महेंद्र कपूर जी की। तो महेंद्र कपूर जी ने बहुत ही प्रसिद्द गाने गए जैसे को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो , राम जी की सेना, राम रावण के युद्ध के दौरान के गीत आदि।
गायक मोहम्मद अज़ीज़ जी ने भी अपना योगदान दिया था रामायण के गीतों में जैसे आपको ध्यान होगा सीता हरण के बाद का दुखद गीत विरह व्यथा से व्यथित द्रवित हो वन वन भटके राम।
90 के दशक के प्रसिद्द गायक कुमार सानू जी ने एक गीत गाया था जो था राम जी की सेना चली जिसमे महेंद्र कपूर जी भी साथ थे।
गायिका अनुराधा पौडवाल जी ने भी रामायण में अपना योगदान दिया था। उन्होंने भजन गाया था रास्ता देखत सबरी की उम्र गयी सारी।
बात करें सुरेश वाडकर जी की तो इन्होने वैसे तो बहुत से भजन में साथ दिया लेकिन एक भजन पूरा गया था डमरू पानी शूलपाणि नमो नमो।
मुकेश जी के बेटे नितिन मुकेश जी ने भी गीत गए थे जो दर्शकों के दिलों में उतर गए जैसे अग्नि परीक्षा के समय सुनी प्रभु वचन भालू कपि हरसे और गरुण जी को जब हनुमान जी नागपास छुड़ाने लाये थे तब का गीत।
कविता मूर्ति जी ने तो बहुत ही सुप्रसिद्ध गीत गाया था हम कथा सुनते राम सकल गुण धाम की साथ ही और भी भजनो में साथ दिया।
बात करें शब्बीर कुमार जी की तो इन्होने स्वंयवर के दौरान गीत गाये थे।
अब अगर बात येसुदास जी की न हो तो रामायण के गीत पूरे कहाँ। के जे येसुदास जी ने सीता राम दरस रास बरसे गीत रविंद्र जैन जी के साथ गाया था और ये गीत अमर हो गया। क्योंकि दोनों गायकों की आवाज को भगवान् की आवाज कहा जाता है।
इन सबके अलावा हेमलता जी, चन्द्राणी मुखर्जी जी, सुधा मल्होत्रा जी, देवकी पंडित जी, सुशिल कुमार शील जी, दिलराज कौर, सुभा जोशी जी, शोभा जोशी जी, सतीश देहरा जी, आनंद कुमार जी, अरुण डांगले जी जैसे कामयाब गायक गायिकाओं ने भी अपने स्वर दिए थे रामायण में। ऐसे संगीत पाकर धारावाहिक रामायण को चार चाँद लग गए।
-----------------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें