केंद्रीय कैबिनेट ने जनगणना से जुड़े राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register - NPR) को अपडेट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा। जनगणना आयोग ने कहा है कि एनपीआर का उद्देश्य देश के प्रत्येक "सामान्य निवासी" का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। इसका इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है। कैबिनेट ने इस पूरी कवायद के लिए 8,500 करोड़ रुपये के बजट आवंटन पर भी मुहर लगा दी है। 2021 में देश में जनगणना की जाएगी। जनगणना से पहले 2020 में एनपीआर अपडेट किया जाएगा, इससे पहले 2011 की जनगणना से पहले 2010 में भी जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट किया गया था।
एनपीआर कहाँ-कहाँ लागू होगा ?
असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2020 तक एनपीआर को अपडेट करने का काम किया जाएगा।
What is NPR (National Population Register) ? - क्या है NPR (National Population Register) ?
नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (National Population Register - NPR) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी। इसमें व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी। NPR में दर्ज जानकारी लोगों द्वारा खुद दी गई सूचना पर आधारित होगी और यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा।NPR किसकी योजना है?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2010 में NPR बनाने की पहल शुरू हुई थी। तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब फिर 2021 में जनगणना होनी है। ऐसे में NPR पर भी काम शुरू हो रहा है।
कैसे अलग है NRC से?
NPR (National Population Register) और NRC (National Register of Citizenship) में अंतर है। NRC के पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान का मकसद छिपा है। वहीं, छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NPR में आवश्यक रूप से पंजीकरण करना होता है।NPR में किस किस की हाजिरी?
बाहरी व्यक्ति भी अगर देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है तो उसे भी NPR में दर्ज होना है। NPR के जरिए लोगों का बायोमीट्रिक डेटा तैयार कर सरकारी योजनाओं की पहुंच असली लाभार्थियों तक पहुंचाने का भी मकसद है।______________________________________________________ hindi articles, hindi article, articles in hindi, article in hindi
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें