भारत में आज 8 नवम्बर 2016 को रात बारह बजे से 500 तथा 1000 के नोट बन्द करके 10 नवम्बर 2016 से बैंक द्वारा नए नोट दिये जाने से शेयर बाजार लुढ़केगा, जमीन जायदाद की कीमत कम हो जायेगी, कार बाईक स्कूटर की खरीद कम हो जायेगी, सब्जी महंगी हो जायेगी, लघु पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन मिलने कम हो जायेंगे, बेरोजगारी बढ़ेगी, टीवी चैनल से निर्मल बाबा और राधे मॉ के विज्ञापन बन्द हो जायेंगे। एक हजार और पॉच सौ के नोट बन्द होने से मंदिरों में सोने का चढ़ावा बन्द हो जायेगा, चुनाव में शराब और पैसा बटना बंद हो जायेगा, श्रम कानून सख्ती से लागू करके प्राईवट सैक्टर में न्युनतम मजदूरी दिलवाने के लिए उनका वेतन चेक द्वारा अनिवार्य करना होगा। दिवाली पर पटाखे कम चलेंगे, शादी विवाह में धन की बर्बादी कम हो जायेगी, नए पब्लिक स्कूल, कॉलेज कम खुलेंगे, नर्सिंग होम, हास्पीटल कम हो जायेंगे, सीमा पर यु़द्ध तेज हो जायेगा। पॉच सौ और एक हजार के नोट बन्द करने के बाद यदि कानून व्यवस्था सख्त न हुई तो चोरी, डकैती, अपहरण, हत्या लूट की वारदातें अधिक हो जायेंगी, उधार समान मिलना कम हो जायेगा, व्यापारियों द्वारा दिये गये उधार की वापसी कठिन हो जायेगी, नेताओं के कार्यक्रमों में ठुमकों पर नोट लुटाने बन्द हो जायेंगे, नेताओं द्वारा आत्महत्याओं को शहीद का दर्जा दे कर जनता का करोड़ों में बॉटना बन्द हो जायेगा, काले धन और बैंकों का पैसा मारने वालों का विदेशों में शरण लेकर ठाठ करना जोर पकड़ेगा। पॉच सौ और एक हजार के नोट बन्द होने से जो लोग सिर उठा कर चलते थे उनमे अधिकांश जमीन को देखते हुए बिखरे नोटों को खोजते दिखाई देंगे। मंहगे मोबाइल बिकने बन्द हो जायेंगे। मजदूरों का बकाया ठेकेदार आज बड़े नोटों से चुकता कर देगा। नौ नगद का चलन बढ़ेगा तेरह उधार बन्द हो जायेगा।
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लेखक - श्री जगदीश बत्रा लायलपुरी
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