विज्ञान ने जिस गति से प्रगति की है उसे देखकर कहा जा सकता है कि संसार में चौथी औद्योगिक क्रांति अब दूर नहीं है। संभावना जताई जा रही हैं कि ऐसी किस्म की अक्लमंद मशीनें तैयार कर ली जायेंगी जो इंसानों की जगह लेने में सक्षम होंगी। इन मशीनों से न सिर्फ बहुत सारे काम आसानी से किये जा सकेंगे बल्कि कंपनियों का खर्चा भी कम होगा। आशंका यह भी है कि इस औद्योगिक क्रांति का एक बहुत बड़ा नकारात्मक पहलू भी होगा। मसलन इससे बड़े पैमाने पर लोगों का रोजगार छीन जायेगा। रोजगार के मौके कम होंगे। तेजी से बढ़ती दुनिया की आबादी के चलते पहले ही नौकरियां कम होने का अंदेशा लोगों को डरा रहा है। हालांकि मशीन कब इंसान की जगह लेंगी यह कह पाना अभी मुश्किल है मगर एक बात साफ है कि आने वाले दो से तीन दशक में ट्रक ड्राइवरों की जगह भी मशीनें लेने वाली हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि खुदरा दुकानदारी का काम भी अगले दस सालों में मशीन के जरिये होने लगेगा। उपन्यास लिखने से लेकर सर्जरी के काम व गणित के रिर्सच का काम भी मशीनों के हवाले हो सकता है। एक रिर्सच के मुताबिक मशीनें उतनी तेजी से बेहतर नहीं हो रही हैं जितना की इंसान उनसे डरा हुआ है। कपड़े धोने से लेकर उन्हें सुखाने और तह करके रखने वाली मशीन इन कामों में बहुत ज्यादा वक्त ले रही है विज्ञान की इतनी तरक्की के बावजूद ऐसी मशीन इंसान की जगह लेने में कितना वक्त लेंगी या कितनी कारगर साबित होंगी इस पर यकीन करना और कुछ भी कह पाना अभी मुश्किल ही है।
------------------------------------------------------------------
फेसबुक प्रोफाइल - https://www.facebook.com/bhumeshs1
मोबाइल - उपलब्ध नहीं
पूरा प्रोफाइल - उपलब्ध नहीं
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें